Taiwan guava Farming in india/ताइवान पिंक अमरूद की खेती की जानकारी

परिचय :

नमस्ते किशान साथियों आज हम बात करेंगे Taiwan guava Farming in india ताइवान पिंक अमरूद की खेती हम इंडिया में केसे करे Taiwan pink अमरूद की सबसे बड़ी खासियत यह है की ये फल की पिक् कैपेसिटी सबसे अच्छी है आज हमने फूट तोड़ा है अगर हम कल किसी भी कारणवश उसको सेल नहीं कर पाए तो इसको 2 दिन बाद भी हम मार्केट में जाकर सेल कर सकते हैं ताइवान पिंक फ्रूट की सेल्फ लाइफ ज्यादा होती है यह फ्रूट को हम तोड़ के 7 दिन बाद वसेल कर सकते हैं यह जल्दी खराब नहीं होता है उसको हम वन वीक तक स्टोर करके रख सकते है अन्य जो किसमें है उनमें यह समस्या होती है कि इनके फ्रूट की 3 दिन की शेल्फ लाइफ होती है फिर खराब होने लग जाते है

ताइवान पिंक अमरूद जल्दी प्रोडक्शन देता है पौधे की साइज भी कम रहती है पुर्निंग करके हम 4 फीट के दायरे में भि इसको कंट्रोल कर सकते हैं और पौधे पर अच्छा प्रोडक्शन ले सकते हैं फ्रूट सायनिग वाला होता है और बीज की मात्रा भी कम होती है और कई कारणवश हम पोधेसे फ्रूट तोड़ नहीं पाए तो फ्रूट डाली पे लगा रहेगा पोधे से टूट के नीचे नहीं गिरेगा ये इसकी खासियत है

जब भी हमको फल बेचना हो तो हम फल को तोड़ सकते हैं ऐसा नहीं है कि गिर जाएगा और दूसरी वैरायटी में ऐसा देखा गया है कि फल हम किसी कारणवश तोड नहीं पाए तो वह ड्रोप होने लगता है यह वैरायटी से किसानों को कम समय में अच्छा लाभ मिलता है इसकी इनकम भी ज्यादा है और रेट भी अच्छा मिलता है

guava fruit emage

ऐक पोधे से हमें मिनिमम फ्रूट 50 से 75 KG मिल जाते हैं और पोधे का रख अखाव अच्छा किया जाये तो हम एक पोधेसे अच्छा प्रोडक्शन ले सकते है
अमरूद, जिसे ग्वावा भी कहा जाता है, एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है जिसमें कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। यह फल न केवल स्वादिष्ट है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी अनेक लाभ प्रदान करता है। इस लेख में हम अमरूद के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों की भी बात करेंगे।

पौष्टिकता से भरपूर: अमरूद में विटामिन C, विटामिन ए, फाइबर, पोटैशियम और अन्य मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिनसे शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है।

डायबिटीज के नियंत्रण में मदद: अमरूद में मौजूद फाइबर के कारण खाने की पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

वजन प्रबंधन: अमरूद में कम कैलोरी और बहुत सारा फाइबर होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है और भूख कम लगती है।

हार्ट हेल्थ का Support: अमरूद में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: अमरूद में पाये जाने वाले फाइबर और एंजाइम्स पाचन प्रक्रिया को सुधारते हैं और कब्ज से राहत प्रदान करते हैं।

आंत्रिक रोगों से बचाव: अमरूद के मेजिकेल प्रॉपर्टीज आंत्रिक इंफेक्शन को रोकने में मदद करती हैं और शरीर की रोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देती है।

आंखों के स्वास्थ्य के लिए: अमरूद में मौजूद विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और यूवा और स्वस्थ दिखने में मदद करता है।


अमरूद एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। यह फल न केवल बेहद स्वादिष्ट है, बल्कि इसके सेहत संबंधित गुणों का भी आनंद उठाया जा सकता है

ताइवान पिंक अमरुद की उत्पत्ति स्थान:

guava फ्रूट emage

नाम : ताइवान गुलाबी अमरूद

वैज्ञानिक नाम: सिडियम गुआजावा

उत्पत्ति: ताइवान से उत्पन्न

ऊंचाई: पौधे 2-3 मीटर या 10 फीट तक बढ़ सकते हैं

परिवार: मायर्टेसी (मर्टल)

जलवायु आवश्यकताएँ:

अमरूद गर्म ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दी वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है
तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक सहन किया जा सकता है, हालांकि उच्चतम उपज आमतौर पर
23 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान पर दर्ज की जाती है। इष्टतम वनस्पति विकास 15 और 28 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।

फल परिपक्वता अवधि:

अमरूद अधिकांश उष्णकटिबंधीय पेड़ों की तुलना में अधिक सूखा प्रतिरोधी होते हैं और बढ़ते हैं
1000 से 1500 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सर्वोत्तम हैं


मिट्टी केसी होनी चाहिए
:

अमरूद किसी भी प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह उगते हैं,कार्बनिक पदार्थों से भरपूर समृद्ध मिट्टी में बेहतर उत्पादन देंगे
6.5 से 7.5तक पीएच रेंज में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के लिए सर्वोत्तम है

सिंचाई :

सिंचाई अंतराल (दिन):सर्दी में -15 से 18 दिन में करे और गर्मी में -10 से 12 दिन के अन्तराल में पानी दे सकते है अन्य फलों की फसलों की तुलना में अमरूद को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। शुरुआती दौर में पौधों को
साल में 8-10 सिंचाई की आवश्यकता होती है, जबकि पूर्ण विकसित पेड़ों को अप्रैल के दौरान सिंचाई की आवश्यकता होती है
अच्छी उपज पाने के लिए जून तक 15 दिनों के अंतराल पर बुआई करें सर्दियों के दौरान सिंचाई भी प्रभावी पाई गई हैं
शीतकालीन फसल के फल की गुणवत्ता में सुधार लाने में।

अमरूद के पौधे की प्रूनिंग किस महीने में करें :

भारत में अमरूद के पौधों की प्रूनिंग का सबसे अच्छा समय फरवरी या मार्च महीने में होता है, जब सर्दियों का समय समाप्त होता है और गर्मियों की शुरुआत होती है

फलत्पादन और प्रॉफिट :

सही तरीके से प्रूनिंग करने से वृक्ष की शाखाएं सही तरह से बढ़ सकती हैं, जिससे फलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।

एक पोधे से हमें 50 से 75 KG फ्रूट मिल सकता है हम एक पोधेसे से मुनाफे की बात करे तो

1KG का रेट 30 मिले तो 50 *30=1500 RS हमें एक पोधे से इनकम मिल जाती है तो आप अंदाजा लगा सकते है की 1 एकर में 255 पोधे से हमें कितनी इनकम प्राप्त हो सकती है वो भी 6 महीने से लेके 12 महीने के पोधे से

रोग प्रतिरोध:

प्रूनिंग से बीमारियों और कीटाणुओं का प्रतिरोध बढ़ता है, क्योंकि सुंदर और स्वस्थ शाखाएं बीमारियों के प्रसार को रोकती हैं।

प्राकृतिक प्रक्रिया: वृक्षों की प्रूनिंग प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उनके विकास और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है।

आर्थिक महत्व:


यह फल विटामिन सी, पेक्टिन, कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत है इस से जैम जेली भी बनता है केक ,जूस, सोस आइसक्रीम, जैम , जेली यह भी प्रोडक्ट अमरुद कै फल से बनते हैं

किस्में:

एल-49, रेशमदी, अल्लाहबाद सफेदा, ढोलका लोका,पंजाब पिंक ,अर्का अमुल्या,सरदार ,पंजाब सफेदा ,पंजाब किरण, और बहुत सारी किस्मे आति है राज्यों के अनुसार किस्मे अलग अलग पाइ जाती है

खेत की तयारी :

खेत की दो बार अछेसे जूताइ करे ताकि मिटटी अछेसे भर भरी होजये फिर खेत को समतल करले आप उठे हुवे क्यारी बेड बनके पोध रोपण कर सकते हे इस से यह लाभ होगा की जमींन में बारिश के मोसम में पोधो के तानो में पानी जमा ना हो


प्रवर्धन विधि:

बीज ,गूटी


रोपण दूरी (मीटर) :

पोध लगाने के लिए प्लांट से प्लांट की दुरी 6 x 6 मीटर की रखे


पौधों की संख्या/हे:

एक हेक्टर में 277 पौधों की जरुरत पड़ती है


पौधों लिए उर्वरक:

  • पहले वर्ष से लेके तिन साल तक पोध में खाद की मात्र :अछि सड़ी हुइ गोबर की खाद 10 से 20 kg
  • उरिया ग्राम:150 से 200 ,ssp /gram:500 से 1500 ,MOP/ग्राम :100-400
  • एक पौधे के लिए ग्राम में N + P + K;500 + 250 + 250
  • चार साल से लेकर छे साल तक के पोधे के लिए खाद की मात्रा:अछि सड़ी हुइ गोबर की खाद 25 से 40 KG
  • उरिया ग्राम:300 से 600 ,ssp /gram:1500 से 2000 ,MOP/ग्राम :600 से 1000
  • 7 साल से लेके 10 साल पोधे के लिए खाद की मात्रा:
  • अछि सड़ी हुइ गोबर की खाद 40 से 50 KG
  • उरिया ग्राम:750से 1000 ,ssp /gram:2000 से 25000 ,MOP/ग्राम :1100 से 15000
  • दस साल से ज्यादा आयु के पोधे के लिए खाद की मात्रा
  • अछि सड़ी हुइ गोबर की खाद 50 KG
  • उरिया ग्राम:1000 ,ssp /gram:25000 ,MOP/ग्राम : 15000
  • उत्पादन किग्रा./1 वृक्ष:

उत्पादन में देखा जाये तो 1प्लांट्स से हमे 50 से 75 kg फ्रूट प्राप्त होसकता है


महत्वपूर्ण रोग:

अमरुद में रोगोकी बात करे तो तायवान पिंक अमरुद में बहुत कम बीमारी पाइ जाती हे वेसे देखा जाये तो रोग में : उकठा या फ़ैटियो चेपा,सुखा , एंथ्राक्नोस ,मुरजाना आदि बीमारी देखने को मिलती है


महत्वपूर्ण कीट:

फल मक्खी, स्केल कीट, बड बोरर

निष्कर्ष:

किशान साथियों अंत में हम ने यह निषकर्ष निकाला हे की आप अमृद की यह किसम की बागबानी करके अच्छा मुनाफा और इनकम प्राप्त कर सकते है मुझे उम्मीद है  आपको मेरा यह लेख पढ़कर  समझ आ गया होगा Taiwan pink अमरूद की बागबानी कैसे करे | इसी प्रकार के लेख पढने के लिए मेरे ब्लॉग myknowledgeinfo को विजिट करते रहें. मेरा यह लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ||

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